इस वर्ष रविवार, 3 नवंबर की रात को दिवाली है, लेकिन अमावस्या तिथि शनिवार को ही रात 20:12 (आठ बजकर बारह मिनिट ) पर ही लग
जायेगी और यह रविवार शाम 6.21 बजे तक ही रहेगी। उदया तिथि में अमावस्या होने के
कारण दिवाली इसी दिन 3 नवंबर को ही मनाई जाएगी।
दीपावली पर पूजा करने का श्रेष्ठ मुहूर्त स्थिर लग्न एवं प्रदोष काल में माना
जाता है| प्रदोष काल रविवार सूर्यास्त से
लेकर अगले 2 घंटे और 24 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल ६ बजकर ४५ मिनिट से ८
बजकर ४५ मिनिट तक रहेगा | इस दिन स्वाति नक्षत्र रहने के साथ ही चंद्रमा तुला राशि
में स्थित रहेगा
दिवाली पूजन में अमावस्या, तिथि, प्रदोष काल, स्वाति नक्षत्र, स्थिर लग्न व शुभ चौघडि़ए का खास महत्व है और इस
वर्ष यह योग रहेंगे। नए काम की शुरुआत शुभ चौघडिये में की जाती है | कुछ लोग पूजा
के लिए भी चौघडिये को सन्दर्भ बनाते हैं
| प्रातःकाल से सूर्यास्त तक
दिवसकालीन चौघडिये होते हैं और सूर्यास्त
से अगले सूर्योदय तक रात्रीकालीन चौघडिये माने जाते है |
अमृत, शुभ, लाभ तथा चल आदि चार शुभ चौघडिये
होते हैं जबकि रोग, काल तथा उद्वेग आदि अशुभ चौघडिये समझे जाते हैं जिसमे यात्रा
और नए कार्य का प्रारंभ नहीं करना चाहिए | ३ नवम्बर को चौघड़िए
का समय इस तरह होगा
उद्वेग - 06:43:24 - 08:08:03 शुभ - 18:00:38 - 19:36:02
चल - 08:08:03 - 09:32:42 अमृत - 19:36:02 - 21:11:26
लाभ - 09:32:42 - 10:57:22 चल - 21:11:26 - 22:46:51
अमृत - 10:57:22 - 12:22:01 रोग - 22:46:51 - 24:22:15+
काल - 12:22:01 - 13:46:40 काल - 24:22:15+ - 01:57:39+
शुभ - 13:46:40 - 15:11:19 लाभ - 01:57:39+
- 03:33:03+
रोग -
15:11:19 - 16:35:58 उद्वेग
- 03:33:03+ - 05:08:28+
उद्वेग - 16:35:58 - 18:00:38 शुभ
- 05:08:28+ - 06:43:52+
दीपावली की आप सभी को बधाई | माँ
लक्ष्मी आप सभी पर कृपा बनाये रखें|
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